
रायपुर। छत्तीसगढ़ में पिछले दो महीने से हड़ताल पर चल रहे लगभग 15 हजार मनरेगा कर्मचारियों ने सामूहिक इस्तीफे की पेशकश की है। ये मनरेगा कर्मी सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस से विधानसभा चुनाव के वक्त की गई घोषणा को पूरी करते हुए नियमितीकरण करने और जब तक नियमितीकरण नहीं होता, तब तक पंचायत कर्मी का दर्जा एवं रोजगार सहायकों के वेतनमान निर्धारण की मांग कर रहे हैं। लेकिन सरकार इनकी मांगों को लेकर अब तक गंभीरता नहीं दिखा रही है। जिससे नाराज मनरेगाकर्मी अब सामूहिक इस्तीफे की तैयारी में हैं। छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर अग्निवंशी और महासंघ के कार्यकारी अध्यक्ष राधेश्याम कुर्रे के मुताबिक वे लगातार अपनी मांगों को शासन-प्रशासन के समक्ष हम शांतिपूर्ण ढंग से रखते आए हैं। लेकिन प्रशासनिक स्तर पर कोई सकारात्मक पहल नहीं की जा रही है। जिसके कारण मनरेगा कर्मचारियों के मन में रोष है। इसी का परिणाम यह हुआ कि 4 अप्रैल से राज्य भर के मनरेगा कर्मचारी हड़ताल पर आ गए। हड़ताल के दौरान सरकार ने हमारी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया और प्रशासनिक अधिकारी सेवा समप्ति की धमकी देकर और डराकर हड़ताल को खत्म करने का लगातार प्रयास किया। किंतु हड़ताल 60 दिनों से निरंतर जारी है। अब छत्तीसगढ़ मनरेगा में काम करने वाले 15,000 कर्मचारियों ने 50 रुपए के स्टांप पेपर में अपना सामूहिक इस्तीफा तैयार कर लिया है। और इस्तीफा पत्र आयुक्त मनरेगा को देने के लिए बाध्य होंगे, जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।